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अपनी जाति के शिक्षक, शिक्षामित्रों को लेकर बैठक करना खंड शिक्षा अधिकारी (बीईओ) को पड़ गया महंगा , निलंबन

हाथरस में अपनी जाति के शिक्षक, शिक्षामित्रों को लेकर बैठक करना खंड शिक्षा अधिकारी (बीईओ) को महंगा पड़ गया है। बैठक की सूचना जिला पंचायत अध्यक्ष ने अधिकारियों तक पहुंचाई। बैठक के दौरान ही डीएम के निर्देश पर एसडीएम और तहसीलदार ने छापेमारी कर दी। आरोप लगा कि बीईओ स्वजातीय टीचरों को सरकार के खिलाफ भड़का रही थीं। जांच का आदेश हुआ। जांच रिपोर्ट के आधार पर अब बीईओ को निलंबित कर दिया गया है। पूरे मामले की जांच के लिए मण्डलीय उप शिक्षा निदेशक मुरादाबाद मण्डल को नामित किया गया है।


इस समय सादाबाद विकास खंड में तैनात बीईओ पूनम चौधरी इससे पहले विकास खंड सहपऊ में तैनात रहीं। सहपऊ में तैनाती के दौरान पूनम चौधरी ने स्कूल के समय में बिना किसी उच्चाधिकारी की अनुमति के सादाबाद-सलेमपुर रोड स्थित गेस्ट हाउस में स्वजातीय शिक्षक-शिक्षिकाओं एवं शिक्षामित्रों को बुलाकर एक गोपनीय बैठक का आयोजन किया था। आरोप है कि इस बैठक में सरकार के खिलाफ टीचरों को भड़काने का कार्य किया जा रहा था।

इसकी सूचना किसी ने जिला पंचायत अध्यक्ष सीमा उपाध्याय को दी थी। उन्होंने तुरन्त फोन पर डीएम को बताया। डीएम के आदेश पर एसडीएम सादाबाद व तहसीलदार संयुक्त रूप से छापा मारने के लिए गेस्ट हाउस पहुंच गए। अधिकारियों को देख वहां पर मौजूद शिक्षक-शिक्षिकाएं एवं शिक्षामित्रों में अफरातफरी मच गई।

पूरे मामले को लेकर पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष डॉ. विनोद कुमार उपाध्याय ने मुख्यमंत्री के नाम जिला पंचायत अध्यक्ष सीमा रामवीर उपाध्याय को शिकायत पत्र दिया। इसे जिला पंचायत अध्यक्ष ने शासन को भेज दिया। अब शासन ने बीईओ पूनम चौधरी के खिलाफ निलंबन की कार्रवाई की है। इस मामले की जांच के लिए मण्डलीय उप शिक्षा निदेशक मुरादाबाद मण्डल को नामित किया गया है। पूनम चौधरी को निलंबन अवधि में जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान हाथरस के प्राचार्य के कार्यालय में सम्बद्ध किया गया है।

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