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विद्यालयों में प्रवक्ता भर्ती में बीएड की अनिवार्यता हटाने का बढ़ा दबाव, इन मुद्दों पर अभ्यर्थियों को चाहिए राहत

प्रयागराज। प्रदेश के राजकीय व अशासकीय विद्यालयों में प्रवक्ता भर्ती के लिए बीएड की अनिवार्यता हटाने के लिए शासन पर दबाव बढ़ने लगा है। अभ्यर्थियों के धरना-प्रदर्शन के बाद उत्तर प्रदेश शिक्षा सेवा चयन आयोग के उप सचिव ने माध्यमिक शिक्षा परिषद के सचिव को पत्र भेजकर स्थिति से अवगत कराया है।

अशासकीय विद्यालयों में प्रवक्ता के 4,384 पद खाली हैं और राजकीय विद्यालयों में प्रवक्ता के 1,647 पदों पर भर्ती के लिए माध्यमिक शिक्षा विभाग की ओर से उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग (यूपीपीएससी) को रिक्त पदों का अधियाचन भेजा जा चुका है।

राजकीय व अशासकीय विद्यालयों में प्रवक्ता भर्ती के लिए जल्द ही विज्ञापन जारी किए जा सकते हैं। इस बीच नई नियमावली लागू होने से नई भर्ती में गैर बीएड अभ्यर्थियों के शामिल होने के रास्ते बंद हो गए हैं। पहले प्रवक्ता के लिए अनिवार्य अर्हता परास्नातक थी, लेकिन नई नियमावली में बीएड को भी अनिवार्य अर्हता के रूप में शामिल कर लिया गया है। ऐसे में जिन अभ्यर्थियों के पास बीएड की डिग्री नहीं है, उन्हें भर्ती में शामिल होने के लिए बीएड करना होगा।

प्रतियोगी छात्र मोर्चा के अध्यक्ष विक्की खान की ओर से शिक्षा सेवा चयन आयोग में सौंपे गए ज्ञापन का हवाला देते हुए आयोग के उप सचिव ने माध्यमिक शिक्षा परिषद के सचिव को पत्र लिखकर नियमानुसार आवश्यक कार्रवाई करने का अनुरोध किया है, क्योंकि छात्रों की इस मांग का निस्तारण परिषद स्तर से ही होना है।

सचिव को पत्र के माध्यम से नियमावली में जीव विज्ञान विषय को लेकर उत्पन्न विसंगति से भी अवगत कराया गया है।

इन मुद्दों पर अभ्यर्थियों को चाहिए राहत

105 वर्ष पुराने माध्यमिक शिक्षा परिषद अधिनियम-1921 को विलोपित कर प्रवक्ता इंटरमीडिएट की अधिमानी अर्हता में बिना किसी पूर्व सूचना के बीएड अनिवार्य कर दिया गया, जिससे नई भर्ती में लाखों प्रतियोगी छात्र बाहर हो जाएंगे, इसलिए प्रवक्ता के नए विज्ञापन में गैर बीएड अभ्यर्थियों को कम से कम एक अवसर प्रदान किया जाए। राजकीय शिक्षकों के चयन के लिए (एलटी ग्रेड) की संशोधित नियमावली-2024 में एलटी ग्रेड जीव विज्ञान स्वतंत्र विषय के रूप में है और अशासकीय माध्यमिक विद्यालयों में जीव विज्ञान स्वतंत्र विषय के रूप में समाप्त कर दिया गया है, जबकि अशासकीय व राजकीय विद्यालयों में यूपी बोर्ड ने एक समान पाठ्यक्रम लागू कर रखा है और परीक्षा भी एक साथ होती है। इसलिए जीव विज्ञान को स्वतंत्र विषय के रूप में घोषित किया जाए। विज्ञापन संख्या-51 के तहत अशासकीय महाविद्यालयों में असिस्टेंट प्रोफेसर बीएड की परीक्षा तिथि अविलंब घोषित की जाए।

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