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छात्र तीन तलाक और नए आपराधिक कानून पढ़ेंगे: सीबीएसई

सीबीएसई के विधि पाठ्यक्रम में कई नए अध्यायों को जोड़ने की तैयारी चल रही है। इसके तहत भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस), तीन तलाक, राजद्रोह और धारा-377 के निरस्तीकरण 2026-27 शैक्षणिक सत्र से विधि अध्ययन पाठ्यक्रम का हिस्सा होंगे।


सीबीएसई की पाठ्यक्रम समिति ने इस प्रस्ताव को मंजूरी दी थी और जून में शासी निकाय ने इसे लागू करने का फैसला किया था। इस निर्णय के तहत उच्चतर माध्यमिक स्तर के छात्र औपनिवेशिक काल के कानूनों की जगह लेने वाले नए कानूनों के साथ-साथ भारत के कानूनी ढांचे को नया रूप देने वाले ऐतिहासिक निर्णयों एवं सिद्धांतों का अध्ययन करेंगे।

भारतीय न्याय संहिता

भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) 2023 ने भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) का स्थान लिया है। इसे एक जुलाई 2024 से लागू किया गया।

धारा-377

यह धारा अप्राकृतिक अपराधों से जुड़ी है। 2018 में सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद सहमति से वयस्कों के बीच समलैंगिक संबंधों को अपराध नहीं माना जाता है। यह धारा रद्द कर दी है।

तीन तलाक

संसद ने 30 जुलाई, 2019 को तीन तलाक विधेयक पारित किया, जिससे तत्काल (एक ही बार में तीन तलाक) एक अपराध बन गया है।

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