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16 संस्कृत विद्यालयों का निर्माण अभी अटका

दो एडेड संस्कृत विद्यालयों में हो रहा पुनर्निर्माण

प्रयागराज। प्रदेश सरकार की ओर से दो एडेड संस्कृत विद्यालयों का पुनर्निर्माण और 100-100 बेड का छात्रावास बनवाया जा रहा है। काशी राज संस्कृत विद्यालय, चंदौली और काशी राज संस्कृत महाविद्यालय भदोही में जीर्णोद्धार और छात्रावास निर्माण के लिए 50-50 लाख रुपये की धनराशि पहले ही जारी हो चुकी थी और काम चल रहा है।

प्रयागराज, देववाणी संस्कृत की शिक्षा को बढ़ावा देने के उद्देश्य से प्रदेश में प्रस्तावित 16 राजकीय संस्कृत विद्यालय का निर्माण दो साल बाद भी शुरू नहीं हो सका है। माध्यमिक शिक्षा विभाग ने इन विद्यालयों के निर्माण के लिए 117 करोड़ रुपये के बजट की मांग की थी।

शासन के विशेष सचिव आलोक कुमार ने 18 जनवरी 2024 के पत्र के जरिए इन विद्यालयों के निर्माण के लिए कार्यदायी संस्था नामित कर दी थी। शासन की ओर से टोकन मनी के रूप में पांच करोड़ की राशि भी जारी कर दी गई थी। विशेष सचिव ने नामित कार्यदायी संस्थाओं से संबंधित जिलों के विद्यालय निर्माण के लिए वित्तीय और प्रशासनिक स्वीकृत का प्रस्ताव उपलब्ध कराने के निर्देश दिए थे। सरकार ने प्रयागराज, अयोध्या, सीतापुर, मथुरा व चित्रकूट में 100-100 बेड के छात्रावास समेत राजकीय संस्कृत विद्यालय के निर्माण की मंजूरी दी थी। शासन के निर्देश पर शिक्षा निदेशालय के अफसरों ने स्कूलों के निर्माण का प्रस्ताव भेजा था। इन नवनिर्मित संस्कृत विद्यालयों में उत्तर मध्यमा (12वीं तक) की पढ़ाई प्रस्तावित थी।

हालांकि पूरा प्रोजेक्ट ही ठंडे बस्ते में डाल दिया गया है और करीब दो साल बाद भी निर्माण शुरू नहीं हो सका है। पांच आवासीय विद्यालयों के अलावा जालौन, एटा, वाराणसी, सहारनपुर, मुरादाबाद, बिजनौर, मुजफ्फरपुर, शामली, रायबरेली, हरदोई और अमेठी में उत्तर मध्यमा स्तर तक के संस्कृत विद्यालय स्थापित होने थे। वर्तमान में प्रदेश में केवल एक राजकीय संस्कृत विद्यालय व महाविद्यालय संचालित हैं। इनके अलावा सरकारी सहायता प्राप्त 570 माध्यमिक और 403 महाविद्यालयों में संस्कृत की पढ़ाई हो रही है

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