प्रदेश के सहायता प्राप्त जूनियर हाईस्कूलों में शिक्षक भर्ती के लिए बुधवार देररात जारी कटऑफ से बड़ी संख्या में अभ्यर्थियों के बिहार से यूपी वापसी की उम्मीद जगी है। इस भर्ती में आवेदन करने वाले उत्तर प्रदेश के सैकड़ों अभ्यर्थियों का चयन दो साल पहले दिसंबर 2023 में बिहार की शिक्षक भर्ती में हो गया था। नौकरी के लालच में बिहार जाकर पढ़ाने लगे थे।
इसी के साथ यूपी की भर्ती के लिए प्रयासरत थे ताकि घरवापसी हो सके। जारी कटऑफ में बड़ी संख्या में ऐसे अभ्यर्थी शामिल हैं जो वर्तमान में बिहार के विभिन्न जिलों में शिक्षक पद पर कार्यरत हैं। आरा जिले के जगदीशपुर ब्लॉक में प्रवक्ता सामाजिक विज्ञान के पद पर कार्यरत सहसों के सीपी सिंह सिंगरौर का नाम सामाजिक विषय की सूची में 58वें स्थान पर है। पटना में कार्यरत चित्रकूट की वंशिका दीक्षित और प्रतापगढ़ की प्रज्ञा पांडेय का नाम हिन्दी विषय की सूची में क्रमश: दूसरे और चौथे स्थान पर है। गोरखपुर की मानसी गुप्ता को सामाजिक विषय में 17वीं रैंक मिली है। सासाराम में कार्यरत बांदा के रामऔतार तिवारी को संस्कृत में सातवीं और बरेली के नितिन शर्मा को संस्कृत में ही आठवीं रैंक मिली है। भर्ती के लिए आंदोलन करने वाले ज्ञानवेंद्र सिंह का नाम प्रधानाध्यापक की सूची में 41वें स्थान पर हैं। प्रदेश के 3049 सहायता प्राप्त जूनियर हाईस्कूलों में पहले सहायक अध्यापकों के 1504 और प्रधानाध्यापकों के 390 पद थे जो बाद में समीक्षा के बाद क्रमश: 1262 और 253 बचे हैं। कटऑफ में पदों के सापेक्ष तकरीबन दोगुना अभ्यर्थियों को शामिल किया गया है।
हाईकोर्ट के आदेश पर बदला था परिणाम
इस भर्ती के लिए 17 अक्टूबर 2021 को आयोजित लिखित परीक्षा में सहायक अध्यापक पद पर 271071 और प्रधानाध्यापक पद पर 14931 अभ्यर्थी शामिल हुए थे। 15 नवंबर 2021 को घोषित परिणाम में सहायक अध्यापकों के लिए 45,257 और प्रधानाध्यापकों के लिए 1,722 अभ्यर्थियों को सफल घोषित किया गया था। हालांकि बाद में हाईकोर्ट के आदेश पर छह सितंबर 2022 को संशोधित परिणाम में सहायक अध्यापक पद पर 42066 व प्रधानाध्यापक पद के लिए 1544 अभ्यर्थियों को सफल घोषित किया गया था।


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