उत्तर प्रदेश में शीतलहर और कड़ाके की ठंड का असर अब जनजीवन के साथ-साथ स्कूलों की व्यवस्था पर भी साफ दिखने लगा है। बच्चों की सेहत को देखते हुए राज्य के कई जिलों में स्कूलों में अवकाश घोषित किया गया है, जबकि कुछ जिलों में स्कूलों की टाइमिंग में बदलाव किया गया है। जिला प्रशासन स्थानीय मौसम की स्थिति को देखते हुए अलग-अलग फैसले ले रहा है।
इन जिलों में स्कूलों की छुट्टी
चंदौली जिले में ठंड को देखते हुए आठवीं कक्षा तक के सभी परिषदीय और मान्यता प्राप्त विद्यालयों में 26 दिसंबर तक अवकाश घोषित किया गया है। सोनभद्र में भी कड़ाके की ठंड के चलते आठवीं कक्षा तक के स्कूल 25 दिसंबर तक बंद रहेंगे। जौनपुर जिले में प्रशासन ने बड़ा फैसला लेते हुए कक्षा 12वीं तक के सभी स्कूलों को 24 दिसंबर तक बंद रखने का आदेश दिया है।
मेरठ जिले में नर्सरी से कक्षा आठवीं तक के सभी बोर्डों (सीबीएसई, आईसीएसई, यूपी बोर्ड सहित) के स्कूलों की छुट्टियों में विस्तार किया है। अब 24 दिसंबर और 26 दिसंबर को भी स्कूलों में पूर्ण अवकाश रहेगा। इससे पहले 25 दिसंबर को क्रिसमस के अवसर पर तथा 27 दिसंबर को गुरु गोविंद सिंह जयंती के उपलक्ष्य में पहले से ही छुट्टी घोषित थी।
इन जिलों में स्कूलों के समय में किया गया बदलाव
वहीं कुछ जिलों में स्कूल बंद नहीं किए गए हैं, लेकिन बच्चों को ठंड से राहत देने के लिए स्कूल खुलने का समय आगे बढ़ाया गया है। गाजीपुर में अवकाश की घोषणा नहीं की गई है, लेकिन कक्षा 12वीं तक के स्कूल अब सुबह 10 बजे से संचालित होंगे। इसी तरह मऊ जिले में भी स्कूल बंद नहीं हैं, बल्कि 12वीं तक के सभी विद्यालयों की टाइमिंग सुबह 10 बजे से कर दी गई है। बलिया में भी फिलहाल अवकाश घोषित नहीं किया गया है, यहां भी 12वीं तक के स्कूलों का समय सुबह 10 बजे से लागू किया गया है।
प्रयागराज में भी ठंड को देखते हुए स्कूलों की टाइमिंग में बदलाव किया गया है। यहां इंटरमीडिएट तक के स्कूल सुबह 10 बजे से दोपहर 3 बजे तक चलेंगे। फिलहाल स्कूल बंद करने का कोई आदेश नहीं है। राजधानी लखनऊ में प्रशासन ने अलग-अलग कक्षाओं के लिए अलग व्यवस्था की है। यहां प्री-प्राइमरी और नर्सरी की कक्षाएं 27 दिसंबर तक बंद रहेंगी, जबकि कक्षा 1 से 8 तक के स्कूल सुबह 10 बजे से संचालित किए जाएंगे।
प्रशासन का कहना है कि मौसम की स्थिति पर लगातार नजर रखी जा रही है और जरूरत पड़ने पर आगे भी छुट्टी या टाइमिंग में बदलाव का फैसला लिया जा सकता है। अभिभावकों और छात्रों को सलाह दी गई है कि वे अपने-अपने जिलों से जारी आदेशों पर नजर बनाए रखें।


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