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यूपी में तीन लाख अपात्रों की रोकी गई वृद्धावस्था पेंशन

फैमिली आईडी से हो जाएगी स्वत: पहचान

समाज कल्याण राज्य मंत्री असीम अरुण ने बताया कि नई व्यवस्था के मुताबिक वृद्धावस्था पेंशन के लिए पात्रों की पहचान और सत्यापन अब फैमिली आईडी ‘एक परिवार एक पहचान’ प्रणाली के माध्यम से स्वतः किया जाएगा, जिससे किसी भी पात्र व्यक्ति से 60 वर्ष का होते ही उसकी पेंशन खाते में पहुंचेगी।

लखनऊ, राज्य सरकार ने जांच के बाद इस साल 3.32 लाख मृतक और अपात्र वृद्धावस्था पेंशनधारकों के नाम हटाए हैं। पिछले साल 1.77 लाख लोगों के नाम सूची से हटाए गए थे। समाज कल्याण राज्य मंत्री असीम अरुण ने सोमवार को यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि आठ माह में प्रदेश भर में 9.83 लाख नए पात्र वृद्धों को पेंशन योजना से जोड़ा गया है।

उन्होंने बताया कि यूपी में वृद्धावस्था के कुल पेंशनधारक 67.50 लाख हो गए हैं। डिजिटल मॉनिटरिंग से वृद्धावस्था पेंशन योजना को और अधिक पारदर्शी और प्रभावी बनाया गया है। वर्ष 2024 में 61 लाख वृद्धों को पेंशन दी जा रही थी, वर्ष 2025 में यह संख्या 67.50 लाख हो गई है। योजना की पारदर्शिता बनाए रखने के लिए विभाग द्वारा नियमित सत्यापन और समीक्षा की जा रही है।

उन्होंने बताया कि योजना में डिजिटल मॉनिटरिंग, आधार आधारित सत्यापन और सतत निगरानी की व्यवस्था लागू की गई है। इससे पेंशन वितरण प्रणाली अधिक पारदर्शी और भरोसेमंद बनी है। पेंशन का लाभ केवल वास्तविक और पात्र वृद्धजनों तक ही पहुंचे इसकी व्यवस्था की गई है। उप निदेशक अमरजीत सिंह ने बताया कि विभाग की प्राथमिकता है कि कोई भी पात्र वृद्धजन पेंशन लाभ से वंचित न रहे। इसी उद्देश्य से वर्ष 2025 में 9.83 लाख नए पात्र वृद्धजनों को योजना से जोड़ा गया, जबकि वर्ष 2024 में यह आंकड़ा 7.08 लाख था।

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