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CTET विवाद: NCTE के स्पष्टीकरण से बीएड धारक प्राथमिक के लिए अपात्र, शिक्षकों को Article 32 में रिट की सलाह — #Rana का विश्लेषण

CTET विवाद: NCTE के स्पष्टीकरण से बीएड धारक प्राथमिक के लिए अपात्र, शिक्षकों को Article 32 में रिट की सलाह — #Rana का विश्लेषण


काफ़ी फ़ोन आए कि हम लोग सीटीईटी में फॉर्म कैसे डालें क्योंकि हम लोग बीएड हैं और कुछ लोग बता रहे हैं कि विशिष्ट बीटीसी के फॉर्म से accept हो रहे हैं । इसी विवाद को लेकर NCTE का clarification आया है कि बीएड प्राथमिक के लिए पात्र नहीं है ।

हालांकि हमें कोई मतलब नहीं है इससे परंतु कुछ अपने लोग हैं जिनके लिए बता रहे हैं ताकि वाक़ई जो पात्रता पूर्ण करके नौकरी चाहते हैं वे शिक्षा मित्रों के नेताओं की तरह अपने नेताओं का शिकार न बने क्योंकि निर्णय आए तीन माह से अधिक हो चुके हैं ऐसा कुछ धरातल पर दिखा नहीं कि आपके लिए ये नेता कुछ कर रहे हो और जो ये रिव्यू दिखा रहे हैं 360 हम रोज देखते हैं और इस निर्णय को जस्टिस दत्ता ने केंद्र सरकार द्वारा समय समय पर किए गए संशोधनों को supplant दिखाते हुए शिक्षा के अधिकार अधिनियम 2009 को समाहित करते हुए article 21A के समक्ष सबको पैरों पर ला दिया है जिसकी मुहर यूटा वाले केस में लग भी गई है ।

कोर्ट से आप IGNORANCE OF LAW को justify नहीं कर सकते हैं तो अब क्या करें ऐसे लोग वो सुनिए ?

जस्टिस दत्ता और जस्टिस अनिरुद्ध बॉस (बीएड अब पात्र नहीं हैं प्राथमिक के लिए)जजमेंट लगाते हुए NCTE और UoI को पार्टी बनाइए और सीधे article 32 में writ कीजिए कि अब जब जजमेंट दिए हैं तो हमें बैठने का मौक़ा दिया जाये । जब दर्द दिए हो तो दवा का इंतज़ाम भी आप ही करिए इसके अलावा वर्ष 2000 के पूर्व के नियुक्त ये बात रखें कि एनसीटीई को एकेडमिक क्वालिफिकेशंस के लिए 2001 में अधिकार मिला है तो उससे पूर्व की समस्त नियुक्तियों पर एनसीटीई के नियम नहीं थोपे जा सकते हैं ।

NCTE regulations 2001 - NCTE act 1993 amendment section 32 (2) clause (d)(i) read with section 12(d) के अनुसार न्यूनतम अहर्ता के लिए पहली बार NCTE को power मिली थी जिसमे केंद्र सरकार द्वारा वर्ष 2011 में संशोधन करते हुए class 1-12 के लिए समस्त अहर्ता NCTE ही तय करेगी ये भी किया गया । तो जब 2001 के पूर्व में नियुक्त लोगों को NCTE नहीं देख रही थी तो फिर क्यों अब ?

जस्टिस बोस ने बीएड बाहर किया लेकिन जजमेंट में केवल बाबुओं की गलती है बाकी कुछ नहीं ।

इतना समझाना था समझा दिया है बाकी किसी के भरोसे जीवन दांव पर न लगाएं उन्हें रिटायरमेंट प्लान मिला है ये केस बाकी कुछ नहीं क्योंकि संशोधन के पश्चात भी परेशानियां खत्म नहीं होगी और मेरा ये blog केवल उनके लिए है जो समझदारी से काम कर रहे हैं बाकी मेरे ऊपर इल्ज़ाम लगाने वाले नेता लोग 218 बिंदुओं में कहीं भी मेरी याचिका दिखा दें, दिखा नहीं पाएंगे क्योंकि ignorance of law के साथ- साथ अब इनके ही पढ़े लिखे होने पर प्रश्न चिन्ह उठ गया है ।

#rana

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