पदोन्नति में आरक्षण पर फिर छिड़ेगी बड़ी रार, मायावती शासन में हजारों दलित कर्मी हुए थे प्रमोट - Get Primary ka Master Latest news by Updatemarts.com, Primary Ka Master news, Basic Shiksha News,

पदोन्नति में आरक्षण पर फिर छिड़ेगी बड़ी रार, मायावती शासन में हजारों दलित कर्मी हुए थे प्रमोट

पदोन्नति में आरक्षण पर फिर छिड़ेगी बड़ी रार, मायावती शासन में हजारों दलित कर्मी हुए थे प्रमोट



लखनऊ : सुप्रीम कोर्ट ने पदोन्नति में आरक्षण का मसला राज्य सरकारों पर छोड़कर अदालती विवाद भले ही खत्म कर दिया है लेकिन, प्रदेश में इस मसले पर कर्मचारियों के बीच बड़ी रार छिड़ना तय है। दलित कार्मिक एक बार मायावती शासन में पदोन्नति में आरक्षण का सुख पा चुके हैं और उनकी कोशिश राज्य सरकार पर इसके लिए दबाव बनाने की होगी। दूसरी ओर आरक्षण के विरोधी सर्वजन हिताय संरक्षण समिति से जुड़े लोग और सक्रिय हो उठे हैं और 28 सितंबर को व्यापक जनांदोलन घोषित करने जा रहे हैं। उसी दिन आरक्षण समर्थक भी परिक्रमा कर अपनी एकजुटता दिखाएंगे। 1पदोन्नति में आरक्षण को लेकर राज्य के कर्मचारी खुले तौर पर दो हिस्से में बंटे हुए हैं। इस विभाजन की शुरुआत सितंबर 2007 में हुई थी जबकि तत्कालीन मुख्यमंत्री मायावती ने प्रदेश में परिणामी ज्येष्ठता और पदोन्नति में आरक्षण लागू किया था। उस वक्त सामान्य वर्ग के कर्मचारियों की तीखी प्रतिक्रिया के बावजूद 25 हजार से अधिक कर्मचारी प्रमोट किए गए थे। सर्वजन हिताय संरक्षण समिति ने इस फैसले को कोर्ट में चुनौती देकर स्टे जरूर हासिल किया लेकिन, सरकार ने अधिकांश विभागाध्यक्ष पदों पर एससी-एसटी को बैठा दिया था। हाईकोर्ट से यह लड़ाई सुप्रीम कोर्ट पहुंची। सर्वोच्च अदालत ने 27 अप्रैल 2012 को सरकार के इस फैसले को पलट दिया था। इसके बाद अखिलेश शासन में कर्मचारियों को रिवर्ट करने की कार्रवाई शुरू हुई और 25 हजार से अधिक कर्मचारी रिवर्ट हुए थे। 12002 में भी मायावती ने जारी किया था आदेश : बसपा प्रमुख मायावती ने 2002 में मुख्यमंत्री बनने के बाद भी पदोन्नति में आरक्षण लागू किया था। तब भाजपा के साथ मिलकर उन्होंने सरकार बनाई थी। हालांकि इस फैसले को 2005 में सत्ता में आने पर मुलायम सिंह यादव ने वापस ले लिया था।

Politics news of India | Current politics news | Politics news from India | Trending politics news,

close