देश में डिजिटल बोर्ड से सबसे पहले केंद्रीय विद्यालय होंगे लैस, स्कूली शिक्षा को मजबूती देने में जुटी सरकार
नई दिल्ली : स्कूली शिक्षा को मजबूती देने में जुटी सरकार ने फिलहाल स्कूलों को डिजिटल बोर्ड से लैस करने का काम शुरू कर दिया है। इसकी शुरुआत केंद्रीय विद्यालयों से की गई है। जहां अब तक करीब 12 हजार कक्षाओं को डिजिटल बोर्ड से लैस किया जा चुका है। बाकी कक्षाओं को भी तेजी से डिजिटल तकनीक से लैस करने की योजना पर काम चल रहा है। वहीं इस अभियान के तहत अब तक जिन कक्षाओं को इससे लैस किया गया है, उनमें सभी नौवीं से बारहवीं तक की कक्षाएं हैं। 1सरकारी स्कूलों को डिजिटल बोर्ड से लैस करने की घोषणा सरकार ने बजट भाषण के दौरान की थी। साथ ही इसे एक अभियान के रूप में चलाने की जरूरत बताई थी। सरकार ने इसे वर्ष 1986-87 में चलाए गए आपरेशन ब्लैक बोर्ड की तर्ज पर ही चलाने की मंशा जताई थी। इसमें सरकार ने देश भर के सभी स्कूलों को ब्लैक बोर्ड से लैस करने का काम किया था। सरकार का मानना है कि इसी तरह से स्कूलों को डिजिटल तकनीक से लैस करना भी जरूरी है। वैसे यह इसलिए जरूरी है, ताकि स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चे भी देश-दुनिया से जुड़ी जानकारियों और संबंधित विषय वस्तु से रूबरू हो सकें। 1मानव संसाधन विकास मंत्रलय से जुड़े एक वरिष्ठ अधिकारी के मुताबिक केंद्रीय विद्यालयों की देश भर में कुल 30 हजार कक्षाएं हैं। इनमें से करीब 12 हजार कक्षाओं को अब तक लैस किया जा चुका है। बाकी को भी लैस करने की योजना पर काम हो रहा है। इसके साथ ही राज्यों के साथ भी स्कूलों को इससे लैस करने की योजना पर काम शुरू किया गया है। इसके तहत सभी स्कूलों को बिजली से लैस करने को कहा गया है।