परिषदीय शिक्षकों के समायोजन के लिए जिला स्तरीय समिति गठित, बीएसए होंगे जिम्मेदार
लखनऊ : जिले के अंदर शिक्षकों के समायोजन के लिए जिलाधिकारी की अध्यक्षता में पांच सदस्यीय समिति गठित की गई है जिसके सदस्य एडीएम, जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संसथान के प्राचार्य की ओर से नामित प्रतिनिधि और जिला मुख्यालय पर तैनात खंड शिक्षा अधिकारी होंगे। डीआइओएस समिति के सदस्य-सचिव होंगे। समायोजन प्रक्रिया में किसी भी तरह की कठिनाई का निराकरण जिला स्तरीय समिति करेगी।
अधिक छात्रओं वाले स्कूलों में महिला शिक्षक अनिवार्य : जिन स्कूलों में छात्रओं का नामांकन अधिक है, उनमें कम से कम एक महिला शिक्षक की तैनाती अनिवार्य होगी। जिलाधिकारी इसमें विवेक के अनुसार आवश्यकता निर्धारित करेंगे। जिला स्तरीय समिति दिव्यांग और सेना में कार्यरत सैनिक के पति/पत्नी को समायोजन में वरीयता देगी।
बीएसए होंगे जिम्मेदार : जिला समिति को स्कूलों में उपस्थित छात्रों की वास्तविक संख्या बताने की जिम्मेदारी बीएसए की होगी। इसमें गलती होने पर बीएसए सीधे तौर पर जिम्मेदार होंगे।
स्कूल चलो अभियान और पढ़ाई पर पड़ेगा असर : स्कूल से छूटे हुए बच्चों का नामांकन परिषदीय विद्यालयों में कराने के लिए सरकार पहली जुलाई से स्कूल चलो अभियान संचालित करेगी। वहीं 15 जुलाई तक परिषदीय स्कूलों के शिक्षकों का जिले के अंदर समायोजन होगा।
अधिक छात्रओं वाले स्कूलों में महिला शिक्षक अनिवार्य : जिन स्कूलों में छात्रओं का नामांकन अधिक है, उनमें कम से कम एक महिला शिक्षक की तैनाती अनिवार्य होगी। जिलाधिकारी इसमें विवेक के अनुसार आवश्यकता निर्धारित करेंगे। जिला स्तरीय समिति दिव्यांग और सेना में कार्यरत सैनिक के पति/पत्नी को समायोजन में वरीयता देगी।
बीएसए होंगे जिम्मेदार : जिला समिति को स्कूलों में उपस्थित छात्रों की वास्तविक संख्या बताने की जिम्मेदारी बीएसए की होगी। इसमें गलती होने पर बीएसए सीधे तौर पर जिम्मेदार होंगे।
स्कूल चलो अभियान और पढ़ाई पर पड़ेगा असर : स्कूल से छूटे हुए बच्चों का नामांकन परिषदीय विद्यालयों में कराने के लिए सरकार पहली जुलाई से स्कूल चलो अभियान संचालित करेगी। वहीं 15 जुलाई तक परिषदीय स्कूलों के शिक्षकों का जिले के अंदर समायोजन होगा।