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शिक्षामित्रों के मामले में शीर्ष अदालत में योजित भोला प्रसाद शुक्ल व अन्य के द्वारा की गई याचिका के मजबूत पक्ष

शिक्षामित्रों के मामले में शीर्ष अदालत में योजित भोला प्रसाद शुक्ल व अन्य के द्वारा की गई याचिका के मजबूत पक्ष

*शीर्ष अदालत में योजित भोला प्रसाद शुक्ल व अन्य के द्वारा की गई याचिका के मजबूत पक्ष*
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➡ *उक्त याचिका सहायक अध्यापक पद पर बहाली के लिए नहीं, वरन 23 अगस्त - 2010 के पूर्व जो 1,24000/- स्नातक हैं, उन्हें अपग्रेड पैराटीचर वेतनमान दिलाने हेतु योजित की गई है*। 
➡ *यह याचिका प्रापर चैनल से हो करके शीर्ष अदालत की ड्योढ़ी तक पहुंची है, यानी कि पहले हाई कोर्ट के सिंगल व डबल बेंच से होते सुप्रीम कोर्ट तक।*
➡ *इस याचिका में यह दर्शाया गया है कि माननीय सुप्रीम कोर्ट के 25 जुलाई-2017 के फैसले को राज्य सरकार ने सही ढंग से लागू नहीं किया है, वरन यूपी सरकार शिक्षामित्रो का शोषण कर रही हैं*।
➡ *दिनांक - 25 जुलाई के फैसले में सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि राज्य सरकार अगर इन्हे रखना चाहती हैं तो समायोजन के पूर्व पद पर रख सकती है, लेकिन सरकार ने ऐसा नहीं किया?*                        ➡ *जैसा कि वास्तविक रूप से समायोजन के पूव॔ 124000/- शिक्षामित्र नियमत: प्रशिक्षित स्नातक सेवारत थे।*
➡ *जबकि यूपी सरकार प्रशिक्षित स्नातक सेवारत शिक्षामित्रो को इंटरमीडिएट योग्यता ही मानकर के केवल 10,000/-  प्रति 11 माह तक के लिए रख दिया, जो कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले के शत प्रतिशत खिलाफ है*                   ➡ *जैसा कि यूपी सरकार के प्रस्ताव पर ही शिक्षा मित्रों को ncte ने 124000/- को नियमबद्ध तरीके से सेवारत प्रशिक्षित करने के लिए अनुमति दी थी।*                                        ➡ *जैसा कि 124000/- शिक्षामित्रो को प्रशिक्षित होने पर mhrd ने 38878 ₹ 12 माह तक का वेतन सत्र 16-17 के बजट में राज्य सरकार को दे रही थी, इसके बाद भी यूपी सरकार ने मनमानी तरीके से, इण्टरमीडिएट व अप्रशिक्षित योग्यता को मानकर 10000 ₹ प्रति 11माह तक का मानदेय देना प्रारंभ कर दिया है*                   ➡ *माननीय इलाहाबाद हाईकोर्ट के खण्ड पीठ लखनऊ के जज साहब श्री इरशाद अली साहब ने अपने फैसले में जो बात यह बात कही है,  उसे भोलाप्रसाद शुक्ल के याचिका मेंशन किया गया है*।                                       ➡ *यूपी सरकार ncte और  mhrd के आदेशों के द्वारा दिए गए शिक्षामित्रों की वांछित योग्यता को शीर्ष अदालत में पूरी तरह से झूठ बोल करके नकार नहीं सकती है*               ➡ *जैसा कि माननीय सुप्रीम कोर्ट ने दिनांक - 02 जुलाई को यूपी सरकार को नोटिस जारी किया है कि शिक्षा मित्रों को प्रशिक्षित स्केल क्यूं नहीं दिया जा रहा है, इसका जवाब चार सप्ताह में दे और अगली सुनवाई तिथि - 26 अगस्त सुनिश्चित कर दिया है*।
➡ *पीड़ित शिक्षामित्रो का समायोजन निरस्त होने के पश्चात पहली बार ऐसा हुआ है कि शिक्षा मित्रों का मुकदमा प्रभावी प्रेयर के कारण सुप्रीम कोर्ट की वही बेंच पुन: फैसला देने के लिए तैयार हैं*   
*उक्त के क्रम में हम सभी पीड़ित शिक्षामित्रो से आग्रह करते हैं कि उक्त मुकदमा में सफल होने के लिए भोला शुक्ला व अन्य की आर्थिक मदद अवश्य करें, जिससे आपके जीवन में पुनः खुशियों के पल का आगमन हो सके*।
उक्त परिस्थिति एवं पीड़ा के साथ
*जय महाकाल*

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