शिक्षक भर्ती में ज़िला वरीयता केस की सुनवाई के विषय में
ज़िला वरीयता केस की सुनवाई के विषय में
◼️ ज़िला वरीयता के नियम को चुनौती देने वाली याचिकाओं की सुनवाई आज इलाहबाद हाईकोर्ट में हुई। यह मुकदमा जस्टिस पंकज मित्तल तथा जस्टिस सरल श्रीवास्तव जी की बेंच में सुना गया।
◼️ केस शुरू होते ही जज साहब ने अपना नज़रिया स्पष्ट करते हुए कहा कि ज़िला वरीयता का नियम संशोधित हो चुका है तथा नया संशोधन आने के उपरांत याचिका औचित्यहीन है, हम इसे ख़ारिज करेंगे, आपके पास नियम को चुनौती देने वाली प्रेयर के अतिरिक्त कुछ हो तो बताइये।
◼️ ज़िला वरीयता के नियम को चुनौती देने वाली याचिकाओं की सुनवाई आज इलाहबाद हाईकोर्ट में हुई। यह मुकदमा जस्टिस पंकज मित्तल तथा जस्टिस सरल श्रीवास्तव जी की बेंच में सुना गया।
◼️ केस शुरू होते ही जज साहब ने अपना नज़रिया स्पष्ट करते हुए कहा कि ज़िला वरीयता का नियम संशोधित हो चुका है तथा नया संशोधन आने के उपरांत याचिका औचित्यहीन है, हम इसे ख़ारिज करेंगे, आपके पास नियम को चुनौती देने वाली प्रेयर के अतिरिक्त कुछ हो तो बताइये।
◼️ इसके बाद याची के अधिवक्ता ने नियम को चुनौती देने वाली प्रेयर को ‘नॉट प्रेस’ कर दिया और कोर्ट से माँग की कि 12460 भर्ती के सिलेक्शन को चुनौती देने वाली प्रेयर पर कोर्ट विचार करे। लगभग 10 मिनट की जद्दोजहद के बाद 12460 भर्ती के चयन को चुनौती के सम्बंध में कोर्ट ने सरकार से काउण्टर माँग लिया।
◼️ कुल मिलाकर अब स्थिति यह है कि उपरोक्त याचिका में 51 जनपद तथा 24 जनपद को एकसाथ मिलाकर जो चयन सूची बनायी गयी है, इन लोगों के वक़ील ने अब उसी को चुनौती दे दी है जो अपने आप अत्यन्त ही हास्यास्पद स्थिति है।
◼️ फ़ेसबुक पर दिन रात लम्बी-लम्बी पोस्ट लिखकर शून्य जनपद के लोगों को गुमराह करने वाले नौसीखिए अब ख़ुद के वकीलों द्वारा ही गुमराह किए जा रहे हैं। हमारा चयन छोड़िए क्यूँकि ये लोग अब शून्य जनपद के उन्ही लोगों के चयन को रद्द करवाने की माँग कर रहे हैं जिनके पैसे से वकीलों को फ़ीस दी गयी है।
शेष बाद में....
धन्यवाद।
#कुलदीप_एंड_टीम