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68500 जिला आवंटन विवाद में शिखा सिंह केस को लेकर अभी भी रिज़र्व केटेगरी के लोगों में उहापोह की स्थिति बनी हुई: मान बहादुर सिंह

६८५०० जिला आवंटन विवाद में शिखा सिंह केस को लेकर अभी भी रिज़र्व केटेगरी के लोगों में उहापोह की स्थिति बनी हुई है 


आदेश का प्रभावी अंश एक बहुत नैरो बैंड में है I रिज़र्व केटेगरी के वे अभ्यर्थी, जिनका चयन जनरल केटेगरी में हुआ है, जिन्हें MRC कहा गया है, केवल उन्ही को आंशिक लाभ दिया गया है.
  Para 58. the allotment of District made by the respondents cannot be sustained and to that extent, it is quashed.
  अर्थात प्रतिवादीगण द्वारा MRC के संबंध में किया गया आवंटन बनाये नहीं रखा जा सकता है, इसे निरस्त किया जाता है I

  महत्वपूर्ण प्रश्न ये है की क्या पहली सूची, दूसरी सूची व तीसरी सूची द्वारा किये गए गलत आवंटन को रद्द किया गया है ?
  मेरा विनम्र उत्तर  है कि नहीं , गलत आवंटन को निरस्त नहीं किया गया हैI अर्थात गलत आवंटन के आधार पर नियुक्त शिक्षको को उनके पद से विस्थापित नहीं किया जा सकेगा I
  अब दूसरा प्रश्न है कि यदि किसी जनपद में रिज़र्व केटेगरी का पद  रिक्त नहीं है तो क्या बोर्ड MRC को उनके चॉइस का जिला आवंटित कर देगा ?
  मेरा विनम्र उत्तर है की नहीं I बोर्ड पदों की उपलब्धता के आधार पर किसी अन्य ज़नपद में समायोजित करेगा I उस समय आप के पास अपील का भी मौका नहीं होगा I आपको रिट में उस समय कोई लाभ नहीं मिलेगा और आप को आवंटित जनपद से ही संतोष करना पड़ेगा I

रिज़र्व केटेगरी के गैर MRC अभ्यर्थियों के लिए यह लागू नहीं होगा, बेशक उनसे कम अंक वालों को उनसे बेहतर विकल्प दिया गया हो I

  मेरी सिमित समझ से जब तक सम्पूर्ण आवंटन (तीनों सूची) निरस्त करके ५८५०० के सापेक्ष फ्रेश आवंटन नहीं किया जाता, तब तक किसी को न्याय नहीं मिलेगा I

  एक और प्रश्न है की यह लाभ सभी MRC को उपलब्ध होगा या केवल याचिओं को ?
  यह भी स्पस्ट नहीं है I Para 59 : It is further directed that the MRC candidates who alleged that they have not been allotted district of their preference despite being MRC candidates, may file their application
  अर्थात वे MRC अभ्यर्थी, जिनका अभिकथन है कि उनके MRC अभ्यर्थी होने के वावजूद उन्हें उनकी वरीयता का जनपद नहीं दिया गया , वे अपना प्रार्थना पत्र तीन माह के अंदर प्रतिवादी संख्या 3 के समक्ष प्रस्तुत कर सकते हैं I
  अब इसी लाइन  "  वे MRC अभ्यर्थी, जिनका अभिकथन है कि उनके MRC अभ्यर्थी होने के वावजूद उन्हें उनकी वरीयता का जनपद नहीं दिया गया "  की व्याख्या बोर्ड अपने ढंग से कर सकता है I वह चाहे तो सभी MRC से एप्लीकेशन ले ले और न चाहे तो केवल याची MRC (जिन्होंने रिट में अभिकथन किया है) की ही एप्लीकेशन पर विचार का निर्णय ले ले I
  जो आधा अधूरा मिला है वह भी बोर्ड के विवेक पर निर्भर करेगा I

जो लोग याची MRC हैं और सर्टिफाइड कॉपी , याची सूची और एप्लीकेशन  लेना चाहें, वे मुझे 9450591277 / 7524099762 पर संपर्क कर सकते हैI

  अपील में भी हो सकता है कि याचियों को ही लाभ मिले, इस लिए रिट में पक्अकार रहे सभी याचियों  द्वारा अपील करना उचित होगा I

  मेरी व्याख्या व सलाह उचित न लगे तो, इसे इगनोर कर दें I 
                             मान  बहादुर सिंह, अधिवक्ता, उच्च न्यायालय I

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