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भारत ने पबजी समेत 118 और चीनी एप पर लगाई रोक, पबजी पर पाबंदी से अभिभावक खुश, बच्चे हताश

नई दिल्ली : चीन को चौतरफा घेरने में जुटी सरकार ने 106 एप पर पाबंदी के बाद फिर से अन्य 118 एप को बैन कर दिया है। इनमें पबजी जैसा बड़ा गेमिंग एप भी शामिल है जो किशोरों में काफी लोकप्रिय है। दो दिन पहले चीन की ओर से फिर से आक्रामकता दिखाने और भारतीय सेना की ओर से हुए प्रतिकार के बाद यह फैसला लिया गया है। चीन से टकराव बढ़ने के बाद से अब तक भारत सरकार चीन से जुड़े 224 मोबाइल एप पर रोक लगा चुकी है। इसमें कई क्लोन हैं।


इलेक्ट्रानिक्स और आईटी मंत्रलय की ओर से लिए गए इस फैसले में जिन मोबाइल एप को प्रतिबंधित किया गया है, उनमें गेमिंग एप पबजी के अलावा बायडू, वी-चैट, लूडो वल्र्ड, चेस रेस, गेम आफ सुल्तांस, यूकू, वीपीएन फार टिकटाक, यू-लाइक, टनटन जैसे एप शामिल है।

दरअसल एक एप को बैन करने के बाद उसका क्लोन मार्केट में आ जाता है। सरकार ने इसकी पड़ताल कर उसे भी बैन किया है। मंत्रलय के मुताबिक यह फैसला सुरक्षा, संरक्षा और भारतीय संप्रभुता के लिहाज से लिया गया है।

इन एप पर रोक लगाने के लिए इंडियन साइबर क्राइम कोआर्डिनेशन सेंटर और केंद्रीय गृह मंत्रलय भी सिफारिश कर चुका है। इसके अलावा संसद के बाहर और भीतर भी अलग-अलग समय पर इन एप को बैन करने की मांग की जाती रही है। हालांकि अब इनके चीनी जुड़ाव को जांचने के लिए यह फैसला लिया गया है। इससे पहले भी सरकार ने दो चरणों में जिन 106 मोबाइल एप को बैन किया था, उनमें टिकटॉक, हाईमीटू, वीपीएन और यूसी ब्राउजर आदि शामिल हैं।

सरकार ने इन एप पर रोक लगाने का यह फैसला उस समय लिया है, जब लद्दाख में चीन के साथ तनाव काफी बढ़ा हुआ है। मंत्रलय के मुताबिक यह फैसला देश में मोबाइल और इंटरनेट का इस्तेमाल करने के देशवासियों के लिए सेफगार्ड होगा। फिलहाल जिन 118 चीनी मोबाइल एप को बैन किया गया है, उनमें ज्यादातर मोबाइल गेमिंग एप हैं।

पिछले कुछ दिनों से सरकार चीनी एप पर बैन के साथ ही भारतीय एप को विकसित और प्रचारित करने मे जुटी है। खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कई भारतीय एप की प्रशंसा कर मोबाइल गेम बनाने के लिए भी स्टार्ट अप को प्रेरित कर चुके हैं। हाल के दिनों में प्ले स्टोर पर भी कई भारतीय एप लोकप्रियता के शिखर पर पहुंचे हैं।

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चीनी एप पर प्रतिबंध लगाने का फैसला सही : कैट

कंफेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) ने केंद्र सरकार द्वारा 118 और चीनी एप पर प्रतिबंध लगाने के फैसले को बड़ा कदम बताया है। कैट ने कहा है कि निश्चित रूप से इससे देश का मनोबल बढ़ेगा। कैट के राष्ट्रीय महामंत्री प्रवीन खंडेलवाल ने कहा कि इससे हमें देश में चीन विरोधी आंदोलन को और मजबूती से चलाने में मदद मिलेगी। उन्होंने कहा कि 59 चीनी एप के बाद अब 118 चीनी एप प्रतिबंधित करना अधिक आवश्यक था, क्योंकि ये हमेशा से ही देश की सुरक्षा और संप्रभुता के लिए खतरा थे। इन एप के जरिए चीनी कंपनियों को जो व्यक्तिगत डेटा प्राप्त होता था उसके दुरुपयोग की आशंका बनी हुई थी।

पबजी पर पाबंदी से अभिभावक खुश, बच्चे हताश

नई दिल्ली, आइएएनएस : पूरे देश में अनगिनत माता-पिता महीनों से पबजी पर प्रतिबंध लगाए जाने का इंतजार कर रहे थे। सरकार ने बुधवार को उनकी यह इच्छा पूरी कर दी। इस प्रतिबंध से माता-पिता को जहां राहत मिली है, वहीं बच्चे निराश हैं। सरकार ने जून में जिस समय टिकटॉक समेत 58 अन्य चीनी एप पर प्रतिबंध लगाया था उससे पहले से ही विभिन्न प्लेटफार्म पर पबजी को प्रतिबंधित करने की मांग उठ रही थी। कुछ माता-पिता इस वीडियो गेम का अपने बच्चों पर प्रभाव पड़ने की शिकायत कर रहे थे तो कई माता-पिता और शिक्षक बच्चों के मानसिक स्वास्थ्य को लेकर चिंतित थे। दिल्ली में बीटेक अंतिम वर्ष के छात्र अनिकेत कृष्णमूर्ति पबजी पर प्रतिबंध से निराश हैं।

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