ऑनलाइन पढ़ाई को सरकार को चाहिए कि वह गरीब परिवार के प्रति विद्यार्थी को स्मार्टफोन, नेटवर्क और बिजली उपलब्ध कराएं-,पूर्व सीएम अखिलेश
सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने सवाल किया है कि चुनाव रैली के लिए लाखों एलईडी टीवी लगवाकर अरबों का प्रचार फंड खर्च करने वाली भाजपा सरकार के पास क्या शिक्षकों और विद्यार्थियों के लिए ऑनलाइन शिक्षण की व्यवस्था करने का फंड नहीं है ? सरकार को चाहिए कि वह गरीब परिवार के प्रति विद्यार्थी को स्मार्टफोन, नेटवर्क और बिजली उपलब्ध कराएं। साथ ही शिक्षकों को भी घरों पर डिजिटल अध्यापन के लिए निशुल्क हार्डवेयर दे।
अखिलेश ने बुधवार को कहा कि भाजपा सरकार को ईमानदारी से पीएम केयर्स फंड को जनता का फंड बनाने और देश के भविष्य की चिंता करनी चाहिए। कोरोना संक्रमण के बढ़ते दौर में शिक्षा की निरंतरता के लिए स्कूल-कॉलेज खोलना सुरक्षित विकल्प नहीं है। ऐसे में उसे ऑनलाइन शिक्षण से वंचित गरीब छात्रों की मदद के लिए आगे आना चाहिए। उन्होंने कहा कि समाजवादी सरकार ने प्रदेश के मेधावी छात्रों को जो लैपटाप दिए थे, वे आज ऑनलाइन शिक्षण में काम आ रहे हैं।
भाजपा सरकार ने तो 2017 के चुनाव घोषणापत्र में कॉलेजों में दाखिला लेने पर सभी युवाओं को बिना जाति-धर्म के भेदभाव के मुफ्त लैपटाप देने की घोषणा की थी। यह भी कहा था कि कॉलेज में दाखिला लेने वाले युवाओं को प्रतिमाह 1 जीबी इंटरनेट मुफ्त दिया जाएगा। सभी कालेजों, विश्वविद्यालयों में मुफ्त वाई-फाई देने का वादा भी किया था। ये वादे दूसरे वादों की तरह बस संकल्प पत्र में ही लिखे रह गए।
सपा अध्यक्ष ने कहा कि सच तो यह है कि ऑनलाइन शिक्षण व्यवस्था भी भाजपा सरकार की भटकाऊ नीति का ही एक अंग है। गांवों में रहने वाले छात्र-छात्राओं को बिजली की किल्लत रहती है, नेटवर्क काम नहीं करता है, गरीबों के घरों में लैपटाप, स्मार्टफोन नहीं है। जिसके दो या तीन बच्चे पढ़ने वाले हैं वे हरेक के लिए कहां से फोन, लैपटाप की व्यवस्था कर पाएंगे? भाजपा दिखावे के काम करने में माहिर है, सच्चाई से वह दूर भागती है।