BTC NEWS श्री बालाजी महाविद्यालय के डीएलएड 2018 बैच के नेतृत्वकर्ता श्रवण कुमार साहनी ने 5 वर्ष के संविदा नियुक्ति के विरोध में जिलाधिकारी ,महराजगंज ,उज्जवल कुमार को सौंपा ज्ञापन। - Get Primary ka Master Latest news by Updatemarts.com, Primary Ka Master news, Basic Shiksha News,

BTC NEWS श्री बालाजी महाविद्यालय के डीएलएड 2018 बैच के नेतृत्वकर्ता श्रवण कुमार साहनी ने 5 वर्ष के संविदा नियुक्ति के विरोध में जिलाधिकारी ,महराजगंज ,उज्जवल कुमार को सौंपा ज्ञापन।

श्री बाला जी महाविद्यालय पकड़ी नौनिया महराजगंज के नेतृत्वकर्ता श्रवण कुमार साहनी ने गोरखनाथ पासवान,रंजीत गुप्ता , अभिषेक दुबे ,आलोक कुमार रौनियार , अवधेश कुमार ,बागेश्वर यादव ,अनुपमा त्रिपाठी ,रागिनी जायसवाल, संगप्रिया गौतम ,खुश्बू अग्रहरि व डीएलएड संयुक्त मोर्चा के जिलाध्यक्ष मुकेश कुमार गुप्ता के साथ सरकार की संविदा नियुक्ति व विनियमितीकरण 2020 के विरोध में डीएलएड के प्रशिक्षुओं ने विरोध प्रदर्शन किया ।संविदा नियुक्ति को दमनकारी नीति बताते हुए इसे वापस लेने के लिए मुख्यमंत्री को संबांधित ज्ञापन जिलाधिकारी महोदय उज्जवल कुमार को सौंपा।

श्री बालाजी महाविद्यालय के श्रवण कुमार साहनी ने बताया कि प्रदेश सरकार के 5 वर्ष के संविदा के उपरांत स्थायीकरण के प्रस्ताव को लेकर बेरोजगार युवाओं में गहरा आक्रोश देखने को मिला है। सैकड़ों की तादाद में बेरोजगार सड़क पर उतर आए है और सरकार के खिलाफ नारेबाजी करते हुए इस प्रस्ताव को वापस लेने की मांग की। श्रवण कुमार साहनी जी के साथ अन्य प्रशिक्षुओं ने इस संबंध में मुख्यमंत्री को संबोधित एक ज्ञापन जिलाधिकारी के माध्यम से भेजा है। जिसमें कहा गया है कि इस तरह के किसी भी नियमावली के प्रस्ताव को कैबिनेट के द्वारा मंजूरी न दी जाए, जहां एक ओर यह भ्रष्टाचार और शोषण को बढ़ावा देगा, वहीं दूसरी ओर प्रतियोगी अभ्यर्थियों को अपने संवैधानिक अधिकारों का प्रयोग करने पर विवश होना पड़ेगा।
प्रदर्शनकारी बेरोजगारों का कहना है कि उत्तर प्रदेश कार्मिक विभाग द्वारा प्रस्तावित सरकारी विभाग समूह ख एवं ग के पदों पर नियुक्ति संविदा पर एवं विनियमितीकरण नियमावली 2020 के प्रस्ताव का मामला संज्ञान में आया है। पूर्व में गतिमान भर्तियों पर भी यह लागू होगी। पिछले 4 वर्षों से भी अधिक समय से अनेक भर्तियों के परिणाम लंबित है। उनके परिणाम आने के संबंध में अभी तक कोई जानकारी नहीं है उनके परिणाम आ भी जाते हैं तो उसके बाद भी संविदा पर नियुक्ति और संविदा आधारित मानदेय प्रतियोगी अभ्यर्थी की उन तमाम आशाओं पर कलंक साबित होगा जिसे उसने अपने लिए अपने परिवार के लिए, अपने प्रदेश के लिए और अपने देश के लिए देखा है। इसी तरह नैतिकता, देशभक्ति, कर्तव्य परायणता जैसे मुद्दों की जांच के लिए यह नियमावली प्रस्तावित है। विभागीय स्तर पर नैतिकता, कर्तव्य परायणता जांचने की पहले से ही कई नियम विद्यमान है, ऐसे में नए नियम प्रतिभागी अभ्यर्थियों के लिए विष का का काम करेंगे।




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