प्रयागराज : पारदर्शी व निष्पक्ष कार्यप्रणाली पर शासन का विशेष जोर है। लेकिन, उच्च शिक्षा निदेशालय में शासन के निर्देश लागू नहीं हो पा रहे हैं। यहां के अधिकारी व कर्मचारी अपनी सुविधा के मुताबिक सारा काम करते हैं। पटलों का परिवर्तन न करना उसका प्रमाण है। शासन ने 15 सितंबर 2019 तक सारे पटलों का नए सिरे से गठन करने का निर्देश दिया था। लेकिन, साल भर बाद भी पटल नहीं बदला गया। सारा काम पुराने र्ढे पर चल रहा है।
उच्च शिक्षा निदेशालय में पेंशन, बजट, पदोन्नति व नियुक्ति सहित 13 पटल हैं। कई पटलों कुछ वरिष्ठ प्रशासनिक व प्रशासनिक अधिकारी सालों से काम कर रहे हैं। अधिकारियों के करीबी लिपिक भी उनके साथ आठ-10 साल से एक ही जगह पर कार्यरत हैं। इसकी शिकायत निदेशालय में कार्यरत सहायकों ने शासन से किया था। शिकायत में विभिन्न पटलों में धन उगाही होने की शिकायत प्रमुखता से कही गई। इसके बाद शासन ने हर पटल पर काम करने वाले अधिकारियों व कर्मचारियों का ब्योरा मांग लिया। साथ ही सारे पटल को नए सिरे से गठित करने का निर्देश दिया। लेकिन, उसके अनुरूप कार्रवाई नहीं हुई। उच्च शिक्षा निदेशक डॉ. वंदना शर्मा का कहना है कि पटल परिवर्तन की दिशा में कदम उठाया जा रहा है। एक व्यक्ति सारा काम न देखे उसके मद्देनजर बदलाव किए हैं।
सितंबर 2019 तक हर पटल पर नए की तैनाती का था निर्देश
डिप्टी सीएम को विधायक ने लिखा था पत्र
उच्च शिक्षा निदेशालय के पटलों की अनियमितता को लेकर सदर बांदा के विधायक प्रकाश द्विवेदी ने उच्च शिक्षा मंत्रलय देख रहे डिप्टी सीएम डॉ. दिनेश शर्मा को पत्र लिखकर उचित कार्रवाई की मांग की थी। 18 अगस्त को पत्र लिखने के बावजूद उस दिशा में कोई कदम नहीं उठा।