प्रयागराज : उत्तर प्रदेश लोकसेवा आयोग ने कंप्यूटर सहायक (उत्तर प्रदेश लोकसेवा आयोग) परीक्षा-2019 के प्रथम चरण का रिजल्ट गुरुवार को जारी कर दिया है। द्वितीय चरण में होने वाली कंप्यूटर आधारित हंिदूी टंकण परीक्षा के लिए 151 अभ्यर्थी औपबंधिक रूप से सफल हुए हैं। आयोग ने कंप्यूटर सहायक की 13 पदों की भर्ती निकाली है। उक्त परीक्षा लखनऊ व प्रयागराज में 23 अगस्त को आयोजित हुई थी। परीक्षा में 8595 अभ्यर्थी सम्मिलित हुए थे।
औपबंधिक रूप से सफल अभ्यर्थियों को द्वितीय चरण की परीक्षा के संबंधित निर्देशों का पालन करना होगा। आयोग ने जो दस्तावेज मांगें हैं उसे तय तारीख तक जमा करना होगा। न करने वालों का अभ्यर्थन निरस्त कर दिया जाएगा। आयोग के सचिव जगदीश ने बताया कि रिजल्ट वेबसाइट पर अपलोड कर दिया गया है। प्राप्तांक, श्रेणीवार कटऑफ अंक अंतिम चयन परिणाम घोषित होने के बाद वेबसाइट पर जारी किया जाएगा। इसमें सूचना का अधिकार अधिनियम 2005 के अंतर्गत प्रार्थना पत्र स्वीकार नहीं किया जाएगा।
सैन्य विज्ञान-रक्षा अध्ययन प्रवक्ता का परिणाम भी घोषित : उत्तर प्रदेश लोकसेवा आयोग ने राजकीय महाविद्यालयों के प्रवक्ता सैन्य विज्ञान-रक्षा अध्ययन का रिजल्ट गुरुवार को घोषित कर दिया। सीधी भर्ती के तहत 11 सितंबर को इंटरव्यू लिया गया था। चयनितों में अमृता तिवारी, प्रियांशु गुप्ता व विपुल सिंह शामिल हैं।
कंप्यूटर सहायक-2019 में 151 अभ्यर्थी सफल
राज्य ब्यूरो, प्रयागराज : उत्तर प्रदेश लोकसेवा आयोग आरओ/एआरओ यानी समीक्षा अधिकारी/सहायक समीक्षा अधिकारी (प्रारंभिक) परीक्षा 2016 की तैयारियों में जुटा है। 20 सितंबर को 17 जिलों में 823 केंद्रों पर परीक्षा कराई जाएगी। कोरोना संक्रमण के मद्देनजर हर केंद्र का सैनिटाइजेशन कराया जाएगा।
आरओ/एआरओ-2016 प्रारंभिक परीक्षा पहले तीन मई को प्रस्तावित थी। लेकिन, कोरोना संक्रमण के कारण लॉकडाउन घोषित होने से परीक्षा नहीं हो सकी। फिर 13 सितंबर को परीक्षा की तारीख तय हुई। लेकिन, उचित तैयारी न होने के कारण परीक्षा की तारीख आगे बढ़ानी पड़ी।
आरओ/एआरओ-2016 प्रारंभिक परीक्षा में 3, 85,122 अभ्यर्थियों को शामिल होना है। परीक्षा दो पालियों में होगी। प्रथम पाली में सुबह 9.30 से 11.30 सामान्य अध्ययन और द्वितीय पाली में दोपहर 2.30 से 3.30 बजे तक सामान्य हंिदूी का पेपर होगा।
निरस्त हो चुकी है परीक्षा
आरओ/एआरओ-2016 के तहत 361 पदों की भर्ती निकाली थी। इसकी प्रारंभिक 27 नवंबर 2016 को दो पाली में प्रदेश के 31 जिलों के 827 केंद्रों पर कराई गई थी। लखनऊ के एक केंद्र से पेपर वाट्सएप पर वायरल हो गया। परीक्षा के बाद आइपीएस अमिताभ ठाकुर ने लखनऊ के हजरतगंज थाना में दोनों प्रश्नपत्रों के आउट होने की रिपोर्ट दर्ज कराई थी। सीबीसीआइडी लखनऊ ने जांच पूरी करके 29 सितंबर 2018 को विशेष न्यायाधीश सीबीसीआइडी के समक्ष उक्त प्रकरण की अंतिम रिपोर्ट प्रस्तुत की। लेकिन, वादी अमिताभ ठाकुर रिपोर्ट पर संतुष्ट नहीं हुए। विशेष न्यायाधीश सीबीसीआइडी ने एक जनवरी 2020 को सीबीसीआइडी की अंतिम रिपोर्ट को निरस्त कर दिया था। प्रकरण की जांच दोबारा कराने का आदेश दिया। इसकी जांच के लिए आयोग ने दो सदस्यीय जांच समिति की संस्तुति की थी। वहीं, आयोग ने प्रारंभिक परीक्षा निरस्त करके उसकी पुनर्परीक्षा कराने का निर्णय लिया था।