लखनऊ। निशुल्क शिक्षा का अधिकार (आरटीई) के तहत निजी स्कूलों में दाखिले के लिए चल रही आवेदन की तीसरी प्रक्रिया में तकनीकी गड़बड़ी से काफी संख्या में अभिभावक अपने बच्चों का आवेदन करने से वंचित रह गए हैं। जबकि आवेदन की अंतिम तिथि 15 जुलाई निर्धारित है। कई अभिभावकों अनुसार उनके वार्ड के किसी भी स्कूल का नाम लिस्ट में नहीं दिख रहा है। इसकी कई बार शिकायत बेसिक शिक्षा विभाग से शिकायत कर चुके हैं। लेकिन व्यवस्था एनआईसी के हवाले होने से शिक्षा विभाग न तो जवाब दे पा रहा है न कोई हल निकाल पा रहा है।
आरटीई के तहत दाखिले के लिए ऑनलाइन आवेदन का अंतिम दिन बृहस्पतिवार है। काफी संख्या में अभिभावक आवेदन के लिए जूझ रहे हैं, लेकिन सफलता नहीं मिल पा रही है। अभिभावक फरजाना, अय्यूब, गीता, रवि, इस्माइल ने बताया कि वे पिछले काफी दिनों से ऑनलाइन आवेदन का प्रयास कर रहे हैं। लेकिन जब भी अपने वार्ड का विकल्प देते हैं तो एक भी स्कूल का नाम नहीं दर्शाता है। वहीं कई अभिभावकों ने शिकायत की है कि कुछ में तो आधे विद्यालयों के ही नाम दर्शाए जाते हैं, लेकिन विकल्प भरते वक्त एक भी स्कूल का चयन नहीं होता। अभिभावकों के अनुसार खासकर पुराने लखनऊ के वार्ड में स्कूलों के नाम गायब हैं। हुसैनाबाद, मल्लाही टोला, नजरबाग समेत कई वार्डों में एक भी स्कूल का नाम नहीं आ रहा है। इस गड़बड़ी की शिकायत बेसिक शिक्षा विभाग से की तो बताया गया कि ऑनलाइन प्रक्रिया व्यवस्था एनआईसी संभाल रहा है। उसको ही हल निकालना है।
स्कूल दाखिले से कर रहे मना
वहीं पहली और दूसरी सूची के चयनित बच्चों को दाखिला देने से निजी स्कूल मना कर रहे हैं। विभाग के अनुसार चयनित बच्चों की सूची स्कूलों को भेजी जा चुकी है। वहीं अभिभावकों की शिकायत है कि जब वे स्कूल जाते हैं तो वे सूची न मिलने का बहाना बनाते हैं। जब वे विभाग को दाखिला दिलाने को कहते हैं तो वह दोबारा आवेदन करने की सलाह दे देता है। दरअसल बच्चों की फीस प्रतिपूर्ति की रकम अभी तक स्कूलों के खाते में नहीं आई है। ऐसे में वे बच्चों को दाखिला देने से मना कर दे रहे हैं।


0 टिप्पणियाँ