बेसिक शिक्षा विभाग में फर्जी प्रमाणपत्रों पर नौकरी कर रहे दो प्रधानाध्यापक बर्खास्त - Get Primary ka Master Latest news by Updatemarts.com, Primary Ka Master news, Basic Shiksha News,

बेसिक शिक्षा विभाग में फर्जी प्रमाणपत्रों पर नौकरी कर रहे दो प्रधानाध्यापक बर्खास्त

देवरिया। कूटरचित शैक्षिक प्रमाणपत्र के सहारे नौकरी कर रहे भलुअनी व देसही देवरिया क्षेत्र के दो प्रधानाध्यापकों को बर्खास्त कर दिया गया। एसटीएफ के निर्देश पर विभागीय सत्यापन में इनके प्रमाणपत्र फर्जी मिले हैं। बीएसए ने संबंधित बीईओ को दोनों के खिलाफ विधिक कार्यवाही का आदेश जारी किया है। जनपद में पिछले चार वर्षों के दौरान 50 से अधिक शिक्षकों को सेवा से बाहर किया जा चुका है।
बीएसए संतोष कुमार राय ने बुधवार को बताया कि भलुअनी क्षेत्र के प्राथमिक विद्यालय जमुना छापर के प्रधानाध्यापक नथुनी प्रसाद भारती के शैक्षिक प्रमाणपत्रों को पिछले साल एसटीएफ गोरखपुर इकाई को भेजा गया था। वहां से सत्यापन कराया गया तो गोरखपुर विश्वविद्यालय ने पुष्टि की है कि स्नातक के तीनों वर्ष के अंकपत्रों के अनुक्रमांक में किसी अन्य का नाम अंकित है। उसको काटकर नथुनी प्रसाद पुत्र रामानंद प्रसाद बनाया गया है। पिछले वर्ष एसटीएफ ने इस शिक्षक को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था तथा खुखुंदू थाने में मुकदमा भी दर्ज कराया था।

एसटीएफ के निर्देश के बाद ही इनके शैक्षिक प्रमाण पत्रों का सत्यापन कराया जा रहा था। बाद में जमानत पर रिहा होने पर निलंबित प्रधानाध्यापक ने बहाली एवं वेतन आदि के के लिए उच्च न्यायालय में रिट याचिका दाखिल की थी। न्यायालय ने दो माह के अंदर उचित निर्णय लेने का आदेश दिया। जांच प्रक्रिया जारी होने से पहले से ही निलंबित चल रहे शिक्षक की बहाली के संबंध में कोई विचार नहीं किया गया। संबंधित शिक्षक को अपना पक्ष रखने के लिए कई मौके भी दिए गए। अगली जांच में इनके शैक्षिक प्रमाणपत्र फर्जी होने की पुष्टि हुई है। ऐसे में उन्हें सेवा से बर्खास्त किया गया है। साथ ही विधिक कार्यवाही के लिए बीईओ को निर्देश दिया गया है। उन्होंने बताया कि देसही देवरिया क्षेत्र के प्राथमिक विद्यालय मठभगवान के प्रधानाध्यापक बृंदालाल गौतम के प्रमाणपत्रों को भी एसटीएफ को भेजा गया था। सत्यापन प्रक्रिया में गोरखपुर विश्वविद्यालय के परीक्षा नियंत्रक ने अवगत कराया है कि इनका बीए का अंकपत्र एवं प्रमाणपत्र भी फर्जी तरीके से तैयार किया गया है। कई नोटिस के बाद भी शिक्षक ने तय समय में स्पष्टीकरण नहीं प्रस्तुत किया। इन्हें भी तत्काल सेवा से बाहर करते हुए बीईओ को विधिक कार्यवाही के लिए निर्देश दिया गया है।

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