शिक्षा विभाग: चुनाव ड्यूटी कटवाने को मैडम से लेकर बाबू तक परेशान, इनके बहाने जानकर हैरान हो जाएंगे आप - Get Primary ka Master Latest news by Updatemarts.com, Primary Ka Master news, Basic Shiksha News,

शिक्षा विभाग: चुनाव ड्यूटी कटवाने को मैडम से लेकर बाबू तक परेशान, इनके बहाने जानकर हैरान हो जाएंगे आप

शिक्षा विभाग: चुनाव ड्यूटी कटवाने को मैडम से लेकर बाबू तक परेशान, इनके बहाने जानकर हैरान हो जाएंगे आप


मेरठ। चुनाव कोई भी हो। ये देश की लोकतांत्रित प्रक्रियाएं है। देश में वैसे तो कई प्रकार के चुनाव होते हैं। लेकिन बड़े स्तर पर जो चुनाव निर्वाचन आयोग द्वारा करवाए जाते हैं। वे हैं आम चुनाव,विधानसभा चुनाव और पंचायत स्तर के चुनाव। इस समय अपने उप्र समेत 5 प्रदेशों में विधानसभा चुनाव की अधिसूचनाएं जारी हो चुकी है। जिसके बाद चुनावी प्रक्रिया भी शुरू हो चुकी है। इस चुनावी प्रक्रिया को संपन्न कराने के लिए सरकारी कर्मचारियों की डयूटी लगाई जाती है। चुनावी ड्यूटी को कुछ कर्मचारी तो उत्साह के साथ निभाते हैं लेकिन कुछ यहां भी डयूटी करने में कंजूसी बरतते हैं। लेकिन डयूटी कटवाने में कुछ की मजबूरी और परेशानी होती है लेकिन इनमें अधिकांश ऐसे होते हैं जो चुनावी डयूटी से जान बचाते हैं।

इस बार मेरठ में आगामी 10 फरवरी को मतदान होने हैं। ऐसे में विधानसभा चुनाव प्रक्रिया संपन्न कराने के लिए कर्मचारियों की संख्या भी पर्याप्त होनी चाहिए। लेकिन चुनावी डयूटी से पहले ही यह संख्या जुटाने में जिला प्रशासन को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। सरकारी कर्मचारी अपनी चुनावी डयूटी कटवाने के लिए तरह-तरह के बहाने और मेडिकल सर्टिफिकेट्स तक जमा कर रहे हैं। चुनाव डयूटी न करने के इनके तर्क भी बहुत अजीब है। जो कर्मचारी चुनावी डयूटी नहीं करना चाहते उनमें कुछ महिलाएं अपनी सास के बीमार होने तो कोई पुरूष सरकारी कर्मचारी घर में बच्चों की देखभाल और अपनी कोविड बीमारी का सर्टिफिकेट्स लगा रहा है। इतना

ही नहीं कुछ लोग पुरानी जान-पहचान का हवाला देकर भी अपनी चुनाव ड्यूटी कटवाने के लिए लगे हुए हैं।

आपको बता दे कि विधानसभा चुनाव में जिन कर्मचारियों की डयूटी लगाई जा रही है उनको अतिरिक्त सतर्कता के साथ टीकाकरण की बूस्टर डोज भी दी जा रही है। इसके बाद भी विभिन्न विभागों के कर्मचारी बीमारी से लेकर पुरानी पहचान का हवाला देकर ड्यूटी कटवाने के लिए विकास भवन के चक्कर काट रहे हैं। यहां पर सबसे बुरा हाल शिक्षा विभाग का है। उसमें भी बेसिक शिक्षा विभाग का। जहां पर कई शिक्षिकाओं ने अपनी सास व मां के बीमारी का हवाला देते हुए चुनावी ड्यूटी से मुक्त करने का आग्रह किया है। वहीं एक सरकारी शिक्षक ने तो घर में बच्चों को संभालने के लिए ड्यूटी कटवाने को आवेदन किया है। इसके अलावा एक महिला ने ससुर की देखभाल के लिए चुनावी ड्यूटी कटवाने को प्रार्थना पत्र दिया है। सीडीओ शशांक चौधरी ने बताया कि बीमार कर्मियों के लिए मेडिकल बोर्ड का गठन किया गया है। पड़ताल के बाद ही किसी को ड्यूटी से मुक्त किया जाएगा। उन्होंने बताया कि जिन कर्मचारियों की डयूटी लगाई गई है उनको बुस्टर डोज लगवाई जा रही है।

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