UPTET 2021: कई बाधाएं पार कर पूरी हुई पात्रता परीक्षा: सीटीईटी की तरह यूपीटीईटी को भी साल में दो बार कराने की व्यवस्था, साल में एक बार ही परीक्षा कराने में छूट रहा पसीना - Get Primary ka Master Latest news by Updatemarts.com, Primary Ka Master news, Basic Shiksha News,

UPTET 2021: कई बाधाएं पार कर पूरी हुई पात्रता परीक्षा: सीटीईटी की तरह यूपीटीईटी को भी साल में दो बार कराने की व्यवस्था, साल में एक बार ही परीक्षा कराने में छूट रहा पसीना

प्रयागराज : उत्तर प्रदेश शिक्षक पात्रता परीक्षा (यूपीटीईटी) कई बाधाओं और विवादों को पार करते हुए तय समय से करीब एक साल बाद अंतत: पूरी हुई। यह परीक्षा वर्ष 2021 के मार्च-अप्रैल में हो जानी चाहिए थी, लेकिन हुई थी 23 जनवरी, 2022 को। उसके बाद परिणाम की बारी आई तो चुनाव आचार संहिता में सवा महीने से ज्यादा लटकी रही। प्रश्नों के उत्तरों पर विवाद से नाता इस बार भी नहीं छूटा, जिसका नतीजा यह हुआ कि आठ प्रश्नों पर परीक्षार्थियों को कामन अंक देने पड़े। कोरोना संक्रमण के कारण वर्ष 2020 में यह परीक्षा नहीं हुई थी, लेकिन कोरोना वायरस का असर 2021 की परीक्षा पर भी पड़ा।
कोरोना की दूसरी लहर के कारण मार्च-अप्रैल में प्रस्तावित यह परीक्षा नहीं हो सकी थी। संक्रमण थमने पर 28 नवंबर को परीक्षा प्रस्तावित हुई तो नकल माफिया ने सेंध लगाकर शुचिता को ही तार-तार कर दिया। परीक्षा शुरू होने से पहले ही प्रश्नपत्र लीक हो जाने से इसे स्थगित करना पड़ा। इस मामले में बड़ी कार्रवाई भी की गई, जिसमें तत्कालीन परीक्षा नियामक प्राधिकारी सचिव जेल भेज दिए थे। वर्ष 2020 में परीक्षा न होने के कारण 2021 की परीक्षा के लिए रिकार्ड 21 लाख ज्यादा परीक्षार्थियों ने आवेदन किया। सरकार ने इस परीक्षा में सम्मिलित वालों के लिए परिवहन निगम की और निगम की नगरीय बसों में भी निश्शुल्क यात्रा की सुविधा दी। व्यवस्था बनाई गई कि परीक्षार्थियों का प्रवेश पत्र ही बस यात्रा का पास होगा। वैसे तो केंद्रीय शिक्षक पात्रता परीक्षा (सीटीईटी) की तरह यूपीटीईटी को भी साल में दो बार कराने की व्यवस्था है, लेकिन यूपीटीईटी की स्थिति यह है कि साल में एक बार ही इसे आयोजित कराने में शासन से लेकर विभागीय अफसरों को पसीना-पसीना होना पड़ता है। ऐसे में दो बार कराने की नौबत ही नहीं आई। इसके अलावा उत्तरों पर विवाद तो हमेशा से उठते रहे हैं, इस बार भी उठे। उत्तरमाला को लेकर विवाद की संख्या के कारण ही आपत्ति लगाने का शुल्क 500 रुपया प्रति प्रश्न कर दिया गया, ताकि आपत्ति लगाने वालों की संख्या घट सके, लेकिन सिलसिला रुका नहीं।

लिंक न चलने से परिणाम देखने में अड़चन

पीएनपी ने परिणाम तो वेबसाइट पर घोषित कर दिया, लेकिन लिंक न चलने से परिणाम देखने के लिए परीक्षार्थी परेशान हैं। माना जा रहा है कि परीक्षार्थियों की संख्या ज्यादा है और एक साथ वेबसाइट पर ज्यादा ट्रैफिक पहुंचने से परेशानी हो रही है।

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