Arbitrariness of minority colleges in D.E.L.Ed admission
प्रयागराज : डिप्लोमा इन एलिमेंटरी एजुकेशन (डीएलएड) प्रशिक्षण के प्रवेश में इस साल निजी अल्पसंख्यक कॉलेजों की मनमानी नहीं चलेगी। पूर्व के वर्षों में सरकार की निर्धारित समय-सारिणी के बाद तक ये कॉलेज दाखिले लिया करते थे। कुछ मामलों में तो प्रथम सेमेस्टर की परीक्षा से पहले तक रुपयों का लेनदेन कर प्रशिक्षुओं के बदलने की शिकायत मिल चुकी है।
अधिक मेरिट के अभ्यर्थियों की बजाय कम मेरिट वालों को दाखिला दे दिया जाता था। इसी के मद्देनजर परीक्षा नियामक प्राधिकारी कार्यालय के सचिव अनिल भूषण चतुर्वेदी ने इस साल सख्ती की है। नौ जून को जारी शासनादेश के मुताबिक निर्धारित तिथि के बाद अल्पसंख्यक संस्थानों को प्रवेश के लिए कोई भी अतिरिक्त समय देय नहीं होगा।
निर्धारित अवधि तक प्रवेश लिए गए अभ्यर्थियों की सूचना परीक्षा नियामक प्राधिकारी कार्यालय की वेबसाइट पर फीड न करने पर प्रवेश मान्य नहीं होगा। प्रवेश के लिए तीन समाचार पत्रों में विज्ञापन भी प्रकाशित करना होगा। वर्तमान में प्रदेश के 3087 निजी डीएलएड कॉलेजों में से 275 अल्पसंख्यक हैं। इनमें तकरीबन 26 हजार सीटों में से 50 प्रतिशत या तकरीबन 13 हजार पर कॉलेज प्रबंधन सीधे प्रवेश देता है