Retiring Group 'C' personnel will be able to be transferred to the desired districts
आकांक्षी जिलों में दो साल रहने वाले भी दूसरे जिलों में जा सकेंगे
समूह ‘ग कर्मियों के अधिकतम 20 फीसदी ही हो सकेंगे तबादले
लखनऊ :सेवानिवृत्त में दो साल बचने वाले समूह ‘ग के कर्मियों को उनके गृह जिले में तैनाती दी जाएगी। समूह ‘क व ‘ख को उनके गृह जिला छोड़कर मनचाहे जिले में तैनाती मिलेगी। आकांक्षी जिलों में दो साल की सेवा पूरी करने वाले भी दूसरे जिलों में जा सकेंगे। स्थानांतरण रोकने का दबाव बनाने वाले निलंबित होंगे। महत्वपूर्ण पदों से हटाने वालों को काम संबंधी नोट बनाकर देना होगा।मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्र ने बुधवार को स्थानांतरण नीति संबंधी शासनादेश जारी कर दिया। नीति की खास बात यह है कि आकांक्षी जिलों के साथ ऐसे 100 विकास खंडों को भी जोड़कर पदों को भरने की व्यवस्था की गई है। समूह ‘ग व ‘घ कर्मियों का 10 फीसदी तबादला विभागाध्यक्ष करेंगे और जरूरी होने पर इतना ही मंत्री कर सकेंगे। समूह ‘क व ‘ख के तबादले 20 फीसदी से अधिक होने पर मुख्यमंत्री की अनुमति ली जाएगी। अवधि तय करने के लिए कटऑफ डेट 31 मार्च रखा गया है। सचिवालय को इस नीति से बाहर रखा गया है। पदोन्नति, सीधी भर्ती की तैनातियां स्थानांतरण के लिए तय प्रतिशत सीमा में नहीं गिनी जाएंगी।स्थानांतरित कर्मियों को एक सप्ताह में कार्यभार ग्रहण करना होगा। कार्यमुक्त न किया जाना अनुशासनहीनता में आएगा। मान्यता प्राप्त संघों के पदाधिकारियों को कार्यभार ग्रहण करने की तिथि से दो साल तक स्थानांतरित नहीं किया जाएगा। समूह ‘क व ‘ख के अधिकारी जिले में तीन साल और मंडल में सात साल होने पर स्थानांतरित होंगे। विभागाध्यक्ष व मंडलीय कार्यालयों को इस अवधि से बाहर रखा गया है, लेकिन जरूरी होने पर मंडलीय कार्यालयों में तीन साल वाले हटाए जा सकेंगे।विभागाध्यक्षों को छोड़कर यदि समूह ‘क व ‘ख के अन्य अधिकारी स्थानांतरित होंगे। जिलों व मंडलों में तैनाती की अवधि व विभागाध्यक्ष कार्यालयों में तैनाती अवधि को अलग-अलग माना जाएगा। समूह ‘क को उनके गृह मंडल और समूह ‘ख के अधिकारियों को उनके गृह जिले में नहीं भेजा जाएगा। आठों आकांक्षी जिलों चित्रकूट, चंदौली, सोनभद्र, फतेहपुर, बलरामपुर, सिद्धार्थनगर, श्रावस्ती व बहराइच के साथ प्रदेश के ऐसे 100 विकास खंडों में विभाग सभी पदों पर तैनाती करते हुए भरेंगे।