वर्ष 2023 की शुरुआत के साथ ही देश के आम आदमी की फिर वो चाहे वेतन भोगी कर्मचारी हो या कारोबारी सबकी नजर आने वाले बजट 2023-24 पर टिक गई है। 1 फरवरी, 2023 को केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण संसद में चालू वर्ष के लिए केंद्रीय बजट पेश करेंगी। देश के नौकरीपेशा वर्ग को इस बजट से क्या-क्या उम्मीदें है, आइए उनपर एक नजर डालते हैं।
Salaried employees को क्या चाहिए?
भारत में salaried worker देश के कर राजस्व का मुख्य स्रोत हैं। ऐसे में उनके लिए बजट में क्या घोषणा की जाती है इस पर सबकी नजर बनी रहती है। सरकार की ओर से कर दरों या छूटों में किसी भी बदलाव उनके बजट और उनकी वित्तीय स्थिति पर पड़ता है। ऐसे में इस बार के बजट से वेतभोगी कर्मचारियों का ग्रुप राहत की उम्मीद कर रहा है। एक निजी बैंक में प्रबंधक के तौर पर कार्यरत आशुतोष रंजन के अनुसार, "पिछले कुछ वर्षों में टैक्स स्लैब में कोई बदलाव नहीं किया गया है। ऐसे में employed तबका को उम्मीद है कि वित्त मंत्री बढ़ती महंगाई को ध्यान में रखते हुए Tax slab को बढ़ाने पर विचार करें। इसके अलावे विभान प्रावधानों के तहत मिलने वाली छूटों में बढ़ोतरी की आस भी employed वर्ग लगाए हुए है।" सीए मनीष पी हिंगर के अनुसार इस बार income tax payers को विशेष रूप से वेतनभोगी वर्ग को वर्तमान सरकार से कर संबंधी कुछ राहत या income tax slab में बदलाव की उम्मीद है।
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Tax slab में सुधार
वर्तमान में करदाताओं के पास दो कर व्यवस्थाओं के बीच चयन करके कर दाखिल करने का विकल्प है जो कभी-कभी एक भ्रामक कार्य बन जाता है। ध्यान दें कि दोनों पुरानी कर व्यवस्था के तहत आपकी आय को ₹ 2.5 लाख तक कर से छूट दी गई है। करदाताओं को उम्मीद है कि मूल कर छूट सीमा को ₹ 2.5 लाख से बढ़ाकर कम से कम ₹ 5 लाख या उससे अधिक कर दिया जाए। अगर Finance Minister ये घोषणा करती हैं तो employed तबके को बहुत राहत मिलेगी।
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Home buyers के लिए न्यूनतम कर छूट की सीमा बढ़ाना
Salaried taxpayers का मानना है कि सरकार को किफायती आवास बढ़ाने के लिए अतिरिक्त प्रोत्साहन प्रदान करना चाहिए। वर्तमान में घर खरीदार के पास 24 बी के तहत Home Loan EMI पर भुगतान किए गए annual interest पर 2 लाख रुपये तक की छूट का दावा करने का अधिकार है। इसके अलावा, वे housing loan पर भुगतान की गई मूल राशि के लिए धारा 80 सी के तहत ₹ 1.5 लाख तक की छूट पा सकता है। आगामी union budget में घर खरीदारों को उम्मीद है कि धारा 80 सी के तहत छूट की सीमा में 3 लाख रुपये तक की वृद्धि की जाए। वहीं, 24 बी के मिलने वाले छूट को 5 लाख रुपये तक बढ़ाने की उम्मीद नौकरीपेशा वर्ग कर रहा है।
Personal loan पर छूट
personal loan और education loan की भारतीय lending market में 35% हिस्सेदारी है। हालांकि income tax act की धारा 80E के तहत education loan के ब्याज पर छूट मिलती है पर personal loan लेने वालों को ऐसा कोई प्रोत्साहन या छूट प्रदान नहीं किया जाता है। ऐसे में working class उम्मीद कर रहा है कि Finance Minister इस मामले में कुछ सुखद ऐलान करें।
समान पूंजी लाभ (Capital Gain) टैक्स
भारत में निवेश करने के लिए उपलब्ध विभिन्न परिसंपत्ति वर्गों के साथ प्रत्येक asset classes की एक अलग पूंजीगत लाभ संरचना होती है। उन पर अलग-अलग Capital Gain Tax लगता है। यह स्थिति अक्सर करदाताओं के लिए पूंजीगत लाभ पर अपनी कर देयता का आकलन करना मुश्किल बना देती है। इस लिए working class चाहती है कि आगामी union budget में Capital Gain Tax की समान दर हो। इस पर भी सैलरी पाने वाले वर्ग की नजर बनी रहेगी।
चुनावी साल के पहले सरकार कर सकती है बड़ी घोषणा
बजट 2023-24, 2024 के चुनावों से पहले मोदी सरकार का last union budget, संभावित आर्थिक लाभों पर ध्यान केंद्रित करने के साथ करदाताओं के लिए फायदेमंद होने की उम्मीद है। वेतनभोगी वर्ग आगामी बजट में सरकार से स्वास्थ्य सेवा, सेवानिवृत्ति, सेवानिवृत्ति के बाद मातृत्व लाभ जैसे long term लाभों की उम्मीद करता है। salaried employees को उम्मीद है कि बजट 2023 में घर से काम करने की संस्कृति और कोविड-19 के बाद उच्च किराये को समायोजित करने के लिए आवास किराया भत्ता से जुड़ी को घोषणा हो। जानकारों के अनुसार बाजार में बढ़ती अस्थिरता के कारण और बचत और निवेश को प्रोत्साहित करने के लिए, धारा 80 सी कटौती सीमा (जो वर्तमान में 150,000 रुपये है) बढ़ाने का फैसला लिया जा सकता है।


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