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69000 शिक्षक भर्ती में फर्जीवाड़ा करने वालों पर एक्शन शुरू, बलिया में पांच टीचर बर्खास्त

यूपी में 69000 शिक्षक भर्ती के दौरान फर्जीवाड़ा कर नौकरी हासिल करने वाले टीचरों पर एक्शन शुरू हो गया है। बलिया जिले के विभिन्न सरकारी प्राथमिक विद्यालयों में नियुक्त पांच टीचरों को धोखाधड़ी करके नौकरी हासिल करने के आरोप में सेवा से बर्खास्त कर दिया गया है। जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी मनीष सिंह ने बुधवार को पीटीआई-भाषा को बताया कि जिले के सोहाव प्राथमिक विद्यालय में कार्यरत शिक्षक गुलाब चंद्र, सोनाडीह के कंपोजिट विद्यालय में कार्यरत शिक्षक दिलीप कुमार यादव, प्राथमिक विद्यालय त्रिकालपुर में कार्यरत शिक्षिका निवेदिता सिंह, प्राथमिक विद्यालय नसरथपुर में तैनात शिक्षिका खुशबू प्रजापति और स्थानांतरण के बाद फिलहाल अमेठी जिले में कार्यरत शिक्षिका स्निग्धा श्रीवास्तव को जांच के बाद मंगलवार को सेवा से बर्खास्त कर दिया गया।

उन्होंने बताया कि प्रदेश के प्राथमिक विद्यालयों में 69 हजार शिक्षकों की भर्ती के लिए परीक्षा नियामक प्राधिकारी द्वारा 22 दिसम्बर 2018 तक ऑनलाइन आवेदन पत्र आमंत्रित किए गए थे। अधिकारी ने बताया कि बर्खास्त किये गये शिक्षक आवेदन करते समय पद के लिए निर्धारित योग्यता नहीं रखते थे। सिंह के अनुसार, इन आरोपियों ने धोखाधड़ी करके नौकरी हासिल की थी एवं जांच में इसका खुलासा हुआ था।

एक दिन पहले ही बेसिक शिक्षा विभाग ने इसे लेकर आदेश जारी किया था। इसमें कहा गया था कि परिषदीय प्राथमिक स्कूलों में हुई 69000 सहायक अध्यापकों की भर्ती में चयनित ऐसे शिक्षक जिन्होंने आवेदन की अंतिम तिथि 22 दिसंबर 2018 के बाद आवश्यक न्यूनतम शैक्षिक योग्यता (अर्हता) प्राप्त नहीं की थी, उनकी सेवा समाप्त होगी। बेसिक शिक्षा परिषद के सचिव सुरेन्द्र कुमार तिवारी ने सभी बेसिक शिक्षा अधिकारियों को इस संबंध में निर्देश जारी किया था। नौ मई को जारी सचिव का यह पत्र मंगलवार को सार्वजनिक हुआ।

सचिव ने बीएसए को निर्देशित किया है कि आवेदन की अंतिम तिथि तक शैक्षिक अर्हता धारित नहीं करने वाले शिक्षकों से स्पष्टीकरण लेते हुए तत्काल उनकी सेवा समाप्ति की कार्रवाई की जाए। हाईकोर्ट ने भी स्पष्ट आदेश दिया है कि तय तिथि के बाद अर्हता धारित करने वाले अभ्यर्थी चयन के लिए पात्र नहीं हैं। 69000 शिक्षक भर्ती में कई ऐसे अभ्यर्थियों ने भी आवेदन किया था, जिनका बीटीसी कोर्स 22 दिसंबर 2018 तक पूरा नहीं हो सका था। भर्ती प्रक्रिया के दौरान इन अभ्यर्थियों ने बीटीसी प्रमाणपत्र प्राप्त कर लिया और उसके आधार पर इनका चयन भी हो गया।

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